सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी जमानत आशीष मिश्र ने किया सरेंडर, जेल लेकर पहुंची पुलिस,
लखनऊ संवाददाता:
लखीमपुर खीरी । तिकोनिया कांड का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही थी। शीर्ष कोर्ट ने 18 अप्रैल को फैसला सुनाते हुए आशीष की जमानत रद्द की थी तिकुनिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हाईकोर्ट की जमानत रद्द करने के बाद रविवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्र ने एक दिन पहले ही सरेंडर कर दिया। नाटकीय घटनाक्रम के तहत चुपचाप सदर कोतवाली की जीप से आशीष मिश्र को जिला जेल ले जाया गया। जबकि, वारंट तिकुनिया थाने में भेजा गया था। रविवार को गुपचुप तरीके से रिमांड मजिस्ट्रेट कर आशीष मिश्र को कचहरी से ही जिला जेल भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र को 25 अप्रैल तक सरेंडर करने के आदेश दिये थे। उधर, 26 अप्रैल को ही जिला अदालत में आशीष मिश्र पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई लगी है। 26 अप्रैल को जिला अदालत में होगी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद प्रमुख आरोपी आशीष मिश्र मोनू को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही थी। एक दिन पहले मंत्री के बेटे ने सरेंडर कर दिया। वहीं, इससे पहले अधिवक्ताओं ने बताया था कि 25 अप्रैल को आशीष मिश्र मोनू सिविल कोर्ट मे उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा। उसके बाद 26 अप्रैल को जिला अदालत में आशीष मिश्र पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई है। सह आरोपी अंकित दास, लतीफ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन की तैयारी में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि 164 के अधीन दर्ज किए गए बयानों की नकल आवेदित किए हुए 10 दिन से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ की कमी के चलते नकल नहीं बनवाई जा सकी हैं। ऐसे में 10 दिनों के भीतर डिस्चार्ज एप्लीकेशन को फाइनल टच दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन, उनके स्तर से तैयारी जारी है।